बोला हैं रंग कितने ज़माने के और भी

बोला हैं रंग कितने ज़माने के और भी

उस ने कहा हैं भेद बताने के और भी

बोला तुम्हारे दिल में मोहब्बत ने घर किया

मैं ने कहा हैं रोग लगाने के और भी

मैं ने कहा वफ़ा की कभी दास्ताँ सुनी

बोला हैं क़िस्से सुनने सुनाने के और भी

इज़हार से बुलंद है मैं ने बताया इश्क़

बोला मज़े हैं इस को जताने के और भी

बतलाया राह-ए-इश्क़ है दुश्वार सोच लो

कहने लगा हैं रास्ते आने के और भी

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