फ़ैज़ी निज़ाम पुरी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का फ़ैज़ी निज़ाम पुरी
नाम | फ़ैज़ी निज़ाम पुरी |
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अंग्रेज़ी नाम | Faizi Nizam Puri |
जब बुलंदी पर पहुँच जाते हैं लोग
तसव्वुर में कोई आया सुकून-ए-क़ल्ब-ओ-जाँ हो कर
फिर ज़बान-ए-इश्क़ चश्म-ए-ख़ूँ-फिशाँ होने लगी
कुछ ज़िंदगी में लुत्फ़ का सामाँ नहीं रहा
कोई तसव्वुर में जल्वा-गर है बहार दिल में समा रही है
गुलों के चेहरा-ए-रंगीं पे वो निखार नहीं
ग़म-ए-जानाँ के सिवा कुछ हमें प्यारा न हुआ
बला से बर्क़ ने फूँका जो आशियाने को