Ghazals of Faiz Khalilabadi
नाम | फ़ैज़ ख़लीलाबादी |
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अंग्रेज़ी नाम | Faiz Khalilabadi |
तमाम हुस्न-ओ-मआ'नी का रंग उड़ने लगा
सुराही मुज़्महिल है मय का पियाला थक चुका है
लोग कहते हैं बहुत हम ने कमाई दुनिया
लगा कि जैसे किसी काँपते हिरन को छुआ
दिन उतरते ही नई शाम पहन लेता हूँ
बात बन जाए जो तफ़्सील से बातें कर ले