Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_0b257588763d47d6a4a5302630894605, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
पैरिस - फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ कविता - Darsaal

पैरिस

दिन ढला कूचा ओ बाज़ार में सफ़-बस्ता हुईं

ज़र्द-रू रौशनियाँ

उन में हर एक के कश्कोल से बरसें रिम-झिम

इस भरे शहर की नासूदगियाँ

दूर पस-मंज़र-ए-अफ़्लाक में धुँदलाने लगे

अज़्मत-ए-रफ़्ता के निशाँ

पेश-ए-मंज़र में

किसी साया-ए-दीवार से लिपटा हुआ साया कोई

दूसरे साए की मौहूम सी उम्मीद लिए

रोज़-मर्रा की तरह

ज़ेर-ए-लब

शरह-ए-बेदर्दी-ए-अय्याम की तम्हीद लिए

और कोई अजनबी

इन रौशनियों सायों से कतराता हुआ

अपने बे-ख़्वाब शबिस्ताँ की तरफ़ जाता हुआ

(1988) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Paris In Hindi By Famous Poet Faiz Ahmad Faiz. Paris is written by Faiz Ahmad Faiz. Complete Poem Paris in Hindi by Faiz Ahmad Faiz. Download free Paris Poem for Youth in PDF. Paris is a Poem on Inspiration for young students. Share Paris with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.