दिलदार देखना
तूफ़ाँ ब-दिल है हर कोई दिलदार देखना
गुल हो न जाए मिशअल-ए-रुख़्सार देखना
आतिश ब-जाँ है हर कोई सरकार देखना
लौ दे उठे न तुर्रा-ए-तर्रार देखना
जज़्ब-ए-मुसाफ़िरान-ए-रह-ए-यार देखना
सर देखना, न संग, न दीवार देखना
कू-ए-जफ़ा में क़हत-ए-ख़रीदार देखना
हम आ गए तो गर्मी-ए-बाज़ार देखना
उस दिल-नवाज़ शहर के अतवार देखना
बे इल्तिफ़ात बोलना, बेज़ार देखना
ख़ाली हैं गरचे मसनद ओ मिम्बर, निगूँ है ख़ल्क़
रोअब-ए-क़बा ओ हैबत-ए-दस्तार देखना
जब तक नसीब था तिरा दीदार देखना
जिस सम्त देखना, गुल-ओ-गुलज़ार देखना
फिर हम तमीज़-ए-रोज़-ओ-मह-ओ-साल कर सकें
ऐ याद-ए-यार फिर इधर इक बार देखना
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