Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_ea3394af33e3883dd78e005be410de85, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
फ़िक्र-ए-दिलदारी-ए-गुलज़ार करूँ या न करूँ - फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ कविता - Darsaal

फ़िक्र-ए-दिलदारी-ए-गुलज़ार करूँ या न करूँ

फ़िक्र-ए-दिलदारी-ए-गुलज़ार करूँ या न करूँ

ज़िक्र-ए-मुर्ग़ान-ए-गिरफ़्तार करूँ या न करूँ

क़िस्सा-ए-साज़िश-ए-अग़्यार कहूँ या न कहूँ

शिकवा-ए-यार-ए-तरह-दार करूँ या न करूँ

जाने क्या वज़्अ है अब रस्म-ए-वफ़ा की ऐ दिल

वज़-ए-देरीना पे इसरार करूँ या न करूँ

जाने किस रंग में तफ़्सीर करें अहल-ए-हवस

मदह-ए-ज़ुल्फ़-ओ-लब-ओ-रुख़्सार करूँ या न करूँ

यूँ बहार आई है इमसाल कि गुलशन में सबा

पूछती है गुज़र इस बार करूँ या न करूँ

गोया इस सोच में है दिल में लहू भर के गुलाब

दामन ओ जेब को गुलनार करूँ या न करूँ

है फ़क़त मुर्ग़-ए-गज़ल-ख़्वाँ कि जिसे फ़िक्र नहीं

मो'तदिल गर्मी-ए-गुफ़्तार करूँ या न करूँ

(2326) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Fikr-e-dildari-e-gulzar Karun Ya Na Karun In Hindi By Famous Poet Faiz Ahmad Faiz. Fikr-e-dildari-e-gulzar Karun Ya Na Karun is written by Faiz Ahmad Faiz. Complete Poem Fikr-e-dildari-e-gulzar Karun Ya Na Karun in Hindi by Faiz Ahmad Faiz. Download free Fikr-e-dildari-e-gulzar Karun Ya Na Karun Poem for Youth in PDF. Fikr-e-dildari-e-gulzar Karun Ya Na Karun is a Poem on Inspiration for young students. Share Fikr-e-dildari-e-gulzar Karun Ya Na Karun with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.