Friendship Poetry of Faiz Ahmad Faiz
नाम | फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ |
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अंग्रेज़ी नाम | Faiz Ahmad Faiz |
जन्म की तारीख | 1911 |
मौत की तिथि | 1984 |
जन्म स्थान | Lahore |
ज़ेर-ए-लब है अभी तबस्सुम-ए-दोस्त
यूँ सजा चाँद कि झलका तिरे अंदाज़ का रंग
ये आरज़ू भी बड़ी चीज़ है मगर हमदम
मक़ाम 'फ़ैज़' कोई राह में जचा ही नहीं
हदीस-ए-यार के उनवाँ निखरने लगते हैं
ग़म-ए-जहाँ हो रुख़-ए-यार हो कि दस्त-ए-अदू
आए तो यूँ कि जैसे हमेशा थे मेहरबान
ज़िंदाँ की एक शाम
ये मातम-ए-वक़्त की घड़ी है
ये किस दयार-ए-अदम में...
यार अग़्यार हो गए हैं
वासोख़्त
तुम्हारे हुस्न के नाम
तौक़-ओ-दार का मौसम
सुब्ह-ए-आज़ादी (अगस्त-47)
सोचने दो
शाह-राह
शहर-ए-याराँ
'सज्जाद-ज़हीर' के नाम
रक़ीब से!
मुलाक़ात मिरी
मुझ से पहली सी मोहब्बत मिरी महबूब न माँग
मिरे हमदम मिरे दोस्त!
मर्ग-ए-सोज़-ए-मोहब्बत
मेजर-इसहाक़ की याद में
ख़ुशा ज़मानत-ए-ग़म
जिस रोज़ क़ज़ा आएगी
जरस-ए-गुल की सदा
हम लोग
ग़ुबार-ए-ख़ातिर-ए-महफ़िल ठहर जाए