जिन्हें इक दूसरे की थी ज़रूरत
वो सब इक दूसरे के हो गए हैं
किसी का जिस्म नीला पड़ गया है
किसी के हाथ पीले हो गए हैं
Jaun Eliya
Mir Taqi Mir
Faiz Ahmad Faiz
Rahat Indori
Allama Iqbal
Gulzar
Wasi Shah
Anwar Masood
Habib Jalib
Parveen Shakir
Mohsin Naqvi
Ahmad Faraz
Love Poetry
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बाग़ था फूल थे मोहब्बत थी
तुम तो यूँही हुए हो अफ़्सुर्दा
तेरा मेयार गिराना भी नहीं है हम ने