Heart Broken Poetry of Faisal Ajmi
नाम | फ़ैसल अजमी |
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अंग्रेज़ी नाम | Faisal Ajmi |
जन्म की तारीख | 1951 |
जन्म स्थान | Pakistan |
रात सितारों वाली थी और धूप भरा था दिन
मैं ज़ख़्म खा के गिरा था कि थाम उस ने लिया
ख़ौफ़ ग़र्क़ाब हो गया 'फ़ैसल'
कभी भुलाया कभी याद कर लिया उस को
जिस्म थकता नहीं चलने से कि वहशत का सफ़र
उस को जाने दे अगर जाता है
तेरी आँखें न रहीं आईना-ख़ाना मिरे दोस्त
शामियानों की वज़ाहत तो नहीं की गई है
रख़्त-ए-सफ़र है इस में क़रीना भी चाहिए
मुझ को ये फ़िक्र कब है कि साया कहाँ गया
मैं ज़ख़्म खा के गिरा था कि थाम उस ने लिया
मैं ग़ार में था और हवा के बग़ैर था
इन लोगों में रहने से हम बेघर अच्छे थे
हिज्र मौजूद है फ़साने में
हर्फ़ अपने ही मआनी की तरह होता है
हर शख़्स परेशान है घबराया हुआ है
गिर जाए जो दीवार तो मातम नहीं करते
दुख नहीं है कि जल रहा हूँ मैं
अदावतों में जो ख़ल्क़-ए-ख़ुदा लगी हुई है