सोच
रात इक रंग है इक राग है इक ख़ुश्बू है
मेहरबाँ रात मिरे पास चली आएगी
रात का नर्म तनफ़्फ़ुस मुझे छू जाएगा
दूधिया फूल चम्बेली के महक उठेंगे
रात के साथ मिरा ग़म भी चला आएगा
(1486) Peoples Rate This
रात इक रंग है इक राग है इक ख़ुश्बू है
मेहरबाँ रात मिरे पास चली आएगी
रात का नर्म तनफ़्फ़ुस मुझे छू जाएगा
दूधिया फूल चम्बेली के महक उठेंगे
रात के साथ मिरा ग़म भी चला आएगा
(1486) Peoples Rate This