कब तक

कब तक मुझ से प्यार करोगे

कब तक?

जब तक मेरे रहम से बच्चे की तख़्लीक़ का ख़ून बहेगा

जब तक मेरा रंग है ताज़ा

जब तक मेरा अंग तना है

पर इस के आगे भी तो कुछ है

वो सब क्या है

किसे पता है

वहीं की एक मुसाफ़िर मैं भी

अनजाने का शौक़ बड़ा है

पर तुम मेरे साथ न होगे तब तक

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Kab Tak In Hindi By Famous Poet Fahmida Riaz. Kab Tak is written by Fahmida Riaz. Complete Poem Kab Tak in Hindi by Fahmida Riaz. Download free Kab Tak Poem for Youth in PDF. Kab Tak is a Poem on Inspiration for young students. Share Kab Tak with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.