Sad Poetry of Fahmi Badayuni
नाम | फ़हमी बदायूनी |
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अंग्रेज़ी नाम | Fahmi Badayuni |
परेशाँ है वो झूटा इश्क़ कर के
ज़रा मोहतात होना चाहिए था
तेरे जैसा कोई मिला ही नहीं
सहराओं ने माँगा पानी
पूछ लेते वो बस मिज़ाज मिरा
नमक की रोज़ मालिश कर रहे हैं
मौत की सम्त जान चलती रही
कोई मिलता नहीं ख़ुदा की तरह
ख़त लिफ़ाफ़े में ग़ैर का निकला
एक मेहमाँ का हिज्र तारी है
चलती साँसों को जाम करने लगा
बस तुम्हारा मकाँ दिखाई दिया