चलती साँसों को जाम करने लगा
चलती साँसों को जाम करने लगा
वो नज़र से कलाम करने लगा
रात फ़रहाद ख़्वाब में आया
और फ़र्शी सलाम करने लगा
फिर मैं ज़हरीले कार-ख़ानों में
ज़िंदा रहने का काम करने लगा
साफ़ इंकार कर नहीं पाया
वो मिरा एहतिराम करने लगा
लैला घर में सिलाई करने लगी
क़ैस दिल्ली में काम करने लगा
हिज्र के माल से दिल-ए-नादाँ
वस्ल का इंतिज़ाम करने लगा
(2420) Peoples Rate This