Ghazals of Fahmi Badayuni
नाम | फ़हमी बदायूनी |
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अंग्रेज़ी नाम | Fahmi Badayuni |
ज़रा मोहतात होना चाहिए था
वो कहीं था कहीं दिखाई दिया
वलवले जब हवा के बैठ गए
वफ़ा-दारी ग़नीमत हो गई क्या
तेरे जैसा कोई मिला ही नहीं
सहराओं ने माँगा पानी
सहारे जाने-पहचाने बना लूँ
पूछ लेते वो बस मिज़ाज मिरा
परिंदे सहमे सहमे उड़ रहे हैं
नमक की रोज़ मालिश कर रहे हैं
नहीं हो तुम तो ऐसा लग रहा है
मौत की सम्त जान चलती रही
कोई मिलता नहीं ख़ुदा की तरह
ख़त लिफ़ाफ़े में ग़ैर का निकला
जाहिलों को सलाम करना है
जब रेतीले हो जाते हैं
एक मेहमाँ का हिज्र तारी है
चलती साँसों को जाम करने लगा
बस तुम्हारा मकाँ दिखाई दिया