Love Poetry of Faheem Shanas Kazmi (page 1)
नाम | फ़हीम शनास काज़मी |
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अंग्रेज़ी नाम | Faheem Shanas Kazmi |
ज़िंदगी अब तू मुझे और खिलौने ला दे
उसी ने चाँद के पहलू में इक चराग़ रखा
गुज़रा मिरे क़रीब से वो इस अदा के साथ
बस एक बार वो आया था सैर करने को
बदलते वक़्त ने बदले मिज़ाज भी कैसे
ज़िंदगी से मुकालिमा
ज़मीं ख़्वाब ख़ुश्बू
वो और मैं....
शब-गर्दों के लिए इक नज़्म
सारबाँ
सब्ज़ रुतों में क़दीम घरों की ख़ुशबू
राहदारी में गूँजती नज़्म
क़िस्सा तमाम
मुझे कौन बुलाता रहता है
''ला'' भी है एक गुमाँ
ख़ुद-कुशी के पुल पर
हमारे शजरे बिखर गए हैं
हादसा
भगत-सिंह के नाम
बेबसी गीत बुनती रहती है
और ख़ुदा ख़ामोश था
अली-बाबा कोई सिम-सिम
ऐ मुबारज़-तलब
अब तो कुछ भी याद नहीं
आईना देखते हो
उस ने पूछा भी मगर हाल छुपाए गए हम
तुम्हारे ब'अद जो बिखरे तो कू-ब-कू हुए हम
रस्ते में शाम हो गई क़िस्सा तमाम हो चुका
मैं यूँ जहाँ के ख़्वाब से तन्हा गुज़र गया
लहू की लहर में इक ख़्वाब-ए-दिल-शिकन भी गया