Khawab Poetry of Faheem Shanas Kazmi
नाम | फ़हीम शनास काज़मी |
---|---|
अंग्रेज़ी नाम | Faheem Shanas Kazmi |
ज़िंदगी से मुकालिमा
ज़मीं ख़्वाब ख़ुश्बू
वो और मैं....
शब-गर्दों के लिए इक नज़्म
राहदारी में गूँजती नज़्म
क़िस्सा तमाम
''ला'' भी है एक गुमाँ
हादसा
भगत-सिंह के नाम
बेबसी गीत बुनती रहती है
ऐ मुबारज़-तलब
आईना देखते हो
रस्ते में शाम हो गई क़िस्सा तमाम हो चुका
मैं यूँ जहाँ के ख़्वाब से तन्हा गुज़र गया
लहू की लहर में इक ख़्वाब-ए-दिल-शिकन भी गया
हम एक दिन निकल आए थे ख़्वाब से बाहर
दिल-ए-तबाह को अब तक नहीं यक़ीं आया