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Faheem Shanas Kazmi Poetry In Hindi - Best Faheem Shanas Kazmi Shayari, Sad Ghazals, Love Nazams, Romantic Poetry In Hindi - Page 2 - Darsaal

फ़हीम शनास काज़मी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का फ़हीम शनास काज़मी (page 2)

फ़हीम शनास काज़मी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का फ़हीम शनास काज़मी (page 2)
नामफ़हीम शनास काज़मी
अंग्रेज़ी नामFaheem Shanas Kazmi

ख़ुद-कुशी के पुल पर

हमारे शजरे बिखर गए हैं

हादसा

देर हो गई

भगत-सिंह के नाम

बेबसी गीत बुनती रहती है

और ख़ुदा ख़ामोश था

अली-बाबा कोई सिम-सिम

ऐ मुबारज़-तलब

अब तो कुछ भी याद नहीं

आईना देखते हो

आहिस्ता से गुज़रो

ज़मीन पर न रहे आसमाँ को छोड़ दिया

उस ने पूछा भी मगर हाल छुपाए गए हम

तुम्हारे ब'अद जो बिखरे तो कू-ब-कू हुए हम

समझ रहा था मैं ये दिन गुज़रने वाला नहीं

रस्ते में शाम हो गई क़िस्सा तमाम हो चुका

मैं यूँ जहाँ के ख़्वाब से तन्हा गुज़र गया

लहू की लहर में इक ख़्वाब-ए-दिल-शिकन भी गया

हुस्न अल्फ़ाज़ के पैकर में अगर आ सकता

हम एक दिन निकल आए थे ख़्वाब से बाहर

दिल-ए-तबाह को अब तक नहीं यक़ीं आया

दिल ओ निगाह में उस को अगर नहीं रहना

धुँद में डूबी सारी फ़ज़ा थी उस के बाल भी गीले थे

बर्ग-ए-सदा को लब से उड़े देर हो गई

बदन को ख़ाक किया और लहू को आब किया

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