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Faheem Shanas Kazmi Poetry In Hindi - Best Faheem Shanas Kazmi Shayari, Sad Ghazals, Love Nazams, Romantic Poetry In Hindi - Darsaal

फ़हीम शनास काज़मी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का फ़हीम शनास काज़मी

फ़हीम शनास काज़मी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का फ़हीम शनास काज़मी
नामफ़हीम शनास काज़मी
अंग्रेज़ी नामFaheem Shanas Kazmi

ज़िंदगी अब तू मुझे और खिलौने ला दे

ज़मीन पर न रहे आसमाँ को छोड़ दिया

यूँ जगमगा उठा है तिरी याद से वजूद

वो जिस के हाथ से तक़रीब-ए-दिल-नुमाई थी

उस के लबों की गुफ़्तुगू करते रहे सुबू सुबू

उसी ने चाँद के पहलू में इक चराग़ रखा

तुम्हारी याद निकलती नहीं मिरे दिल से

तेरी गली के मोड़ पे पहुँचे थे जल्द हम

तमाम उम्र हवा की तरह गुज़ारी है

फिर वही शाम वही दर्द वही अपना जुनूँ

कोई भी रस्ता किसी सम्त को नहीं जाता

किसी के दिल में उतरना है कार-ए-ला-हासिल

किन दरीचों के चराग़ों से हमें निस्बत थी

ख़ुद अपने होने का हर इक निशाँ मिटा डाला

गुज़रा मिरे क़रीब से वो इस अदा के साथ

बिछड़ के तुझ से तिरी याद भी नहीं आई

बस एक बार वो आया था सैर करने को

बदलते वक़्त ने बदले मिज़ाज भी कैसे

ज़िंदगी से मुकालिमा

ज़मीं ख़्वाब ख़ुश्बू

वो और मैं....

शब-गर्दों के लिए इक नज़्म

सारबाँ

सब्ज़ रुतों में क़दीम घरों की ख़ुशबू

सब्र की चादर तह कर दी

सब खेल-तमाशा ख़त्म हुआ

राहदारी में गूँजती नज़्म

क़िस्सा तमाम

मुझे कौन बुलाता रहता है

''ला'' भी है एक गुमाँ

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