Sad Poetry of Ezaz Afzal
नाम | एज़ाज़ अफ़ज़ल |
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अंग्रेज़ी नाम | Ezaz Afzal |
उजाले तेल छिड़कने लगे उजालों पर
सरहद-ए-जल्वा से जो आगे निकल जाएगी
निगाह-ए-बाग़बाँ कुछ मेहरबाँ मा'लूम होती है
लहू ने क्या तिरे ख़ंजर को दिलकशी दी है
ख़्वाबों के सनम-ख़ाने जब ढाए गए होंगे
हम ने मयख़ाने की तक़्दीस बचा ली होती
हर एक गाम पे आसूदगी खड़ी होगी
दिलों के बीच बदन की फ़सील उठा दी जाए
दर्स-ए-आराम मेरे ज़ौक़-ए-सफ़र ने न दिया
चलो कुछ तो राह तय हो न चले तो भूल होगी
आँगन आँगन ख़ाना-ख़राबी हँसती है मे'मारों पर
आज दिल है कि सर-ए-शाम बुझा लगता है