Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_f1b1742a9bbafcefa8b2ee5e0a2a2cd6, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
उजाले तेल छिड़कने लगे उजालों पर - एज़ाज़ अफ़ज़ल कविता - Darsaal

उजाले तेल छिड़कने लगे उजालों पर

उजाले तेल छिड़कने लगे उजालों पर

अजीब वक़्त पड़ा है चराग़ वालों पर

तुम्हारा आलम-ए-मस्ती ढका-छुपा ही सही

मिरी निगाह है टूटे हुए प्यालों पर

तुम्हारे ज़ेहन में जो आज चुभ रहे होंगे

मैं कल से सोच रहा हूँ उन्हीं सवालों पर

न उठ सका तिरे तर्ज़-ए-ख़िराम से पर्दा

हवाएँ डाल गईं ख़ाक पाएमालों पर

मुहाकमा न करें आप अपनी बातों का

ये काम छोड़ दिया जाए सुनने वालों पर

मुसल्लिमात से क्यूँ क़स्द-ए-इंहिराफ़ क्या

अक़ीदे टूट पड़े हैं मिरे सवालों पर

ये क्या ज़रूर कि रुख़ सब का एक जानिब हो

फ़ज़ा की क़ैद लगाओ न उड़ने वालों पर

(1444) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Ujale Tel ChhiDakne Lage Ujalon Par In Hindi By Famous Poet Ezaz Afzal. Ujale Tel ChhiDakne Lage Ujalon Par is written by Ezaz Afzal. Complete Poem Ujale Tel ChhiDakne Lage Ujalon Par in Hindi by Ezaz Afzal. Download free Ujale Tel ChhiDakne Lage Ujalon Par Poem for Youth in PDF. Ujale Tel ChhiDakne Lage Ujalon Par is a Poem on Inspiration for young students. Share Ujale Tel ChhiDakne Lage Ujalon Par with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.