एजाज़ वारसी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का एजाज़ वारसी
नाम | एजाज़ वारसी |
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अंग्रेज़ी नाम | Ejaz Warsi |
जन्म स्थान | Sambhal,Moradabad |
राह-रौ बच के चल दरख़्तों से
मैं उस के ऐब उस को बताता भी किस तरह
दरबानों तक के चेहरे रऊनत से मस्ख़ हैं
चढ़ते सूरज की मुदारात से पहले 'एजाज़'
बरसों में भी छू जाए किसी को तो ग़नीमत
ऐ संग-ए-आस्ताँ मिरे सज्दों की लाज रख
आप आए हैं हाल पूछा है
याद उन की दिल में आई वो आसूदगी लिए
राह-ए-तलब में अहल-ए-दिल जब हद-ए-आम से बढ़े
मय-ख़ाना है बिना-ए-शर-ओ-ख़ैर तो नहीं
मदावा-ए-जुनूँ सैर-ए-गुलिस्ताँ से नहीं होता
किसी के शिकवा-हा-ए-जौर से वाक़िफ़ ज़बाँ क्यूँ हो
ख़ून-ए-नाहक़ थी फ़क़त दुनिया-ए-आब-ओ-गिल की बात
कार-ए-ख़ैर इतना तो ऐ लग़्ज़िश-ए-पा हो जाता
कहाँ सबात-ए-ग़म-ए-दिल कहाँ सराब-ए-सुकूँ
जिस को देखो बेवफ़ा है आइनों के शहर में
दिल बुझ गया तो गर्मी-ए-बाज़ार भी नहीं
चुप खड़े हैं दरमियान-ए-का'बा-ओ-बुत-ख़ाना हम