Ghazals of Ejaz Rahmani
नाम | एजाज़ रहमानी |
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अंग्रेज़ी नाम | Ejaz Rahmani |
जन्म की तारीख | 1936 |
ज़ालिम से मुस्तफ़ा का अमल चाहते हैं लोग
उसे ये हक़ है कि वो मुझ से इख़्तिलाफ़ करे
साए में आबलों की जलन और बढ़ गई
रंग मौसम के साथ लाए हैं
नक़्श-बर-आब हो गया हूँ मैं
मिट गया ग़म तिरे तकल्लुम से
कितने बा-होश हो गए हम लोग
ख़ुश्क दरिया पड़ा है ख़्वाहिश का
हवा के वास्ते इक काम छोड़ आया हूँ
हँसी लबों पे सजाए उदास रहता है
अब कर्ब के तूफ़ाँ से गुज़रना ही पड़ेगा