Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_d361f9b54283331d7197fc33f571d39a, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
तब हज़ारों अँधेरों से - एजाज़ रही कविता - Darsaal

तब हज़ारों अँधेरों से

इक रौशनी की किरन फूट कर

सर्द वीरान कमरे के तारीक दीवार-ओ-दर से उलझने लगी

और कमरे में फिरते हुए

सैंकड़ों ज़र्द ज़र्रे

बिलबिलाते सिसकते हुए

मेरी जानिब बढ़े

मैं ने अपनी शहादत की उँगली उठाई

ज़र्द ज़र्रों से गोया हुआ

दोस्तो

आओ बढ़ते चलें

रौशनी की तरह रौशनी की तरफ़

रौशनी जो हमारी तमन्नाओं की प्यास है

रौशनी जो हमारी तमन्नाओं की आस है

ज़र्द ज़र्रे मेरे साथ बढ़ने लगे

रौशनी की तरफ़ रौशनी की तरफ़

चंद ज़र्रे कि जिन की रगों में

सियह रात की ज़ुल्मतें बस चुकी थीं

मेरी बातों पे हँसने लगे

और हँसते रहे

तब हज़ारों अँधेरों के सीने में

फैला हुआ इक तिलिस्म

रौशनी की तब-ओ-ताब से

टूटने के लिए

और आगे बढ़ा

(712) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Tab Hazaron Andheron Se In Hindi By Famous Poet Ejaz Rahi. Tab Hazaron Andheron Se is written by Ejaz Rahi. Complete Poem Tab Hazaron Andheron Se in Hindi by Ejaz Rahi. Download free Tab Hazaron Andheron Se Poem for Youth in PDF. Tab Hazaron Andheron Se is a Poem on Inspiration for young students. Share Tab Hazaron Andheron Se with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.