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Ejaz Gul Hope In Hindi - Best Hope Of Ejaz Gul Poetry Collection In Hindi - Darsaal

Hope Poetry of Ejaz Gul

Hope Poetry of Ejaz Gul
नामएजाज़ गुल
अंग्रेज़ी नामEjaz Gul

दिनों महीनों आँखें रोईं नई रुतों की ख़्वाहिश में

दुश्मनों के दरमियान सुल्ह

यहीं था बैठा हुआ दरमियाँ कहाँ गया मैं

क़ाफ़िला उतरा सहरा में और पेश वही मंज़र आए

फैला अजब ग़ुबार है आईना-गाह में

पेचाक-ए-उम्र अपने सँवार आइने के साथ

मंज़र-ए-वक़्त की यकसानी में बैठा हुआ हूँ

महमिल है मतलूब न लैला माँगता है

किसे ख़याल था ऐसी भी साअ'तें होंगी

ख़ाशाक से ख़िज़ाँ में रहा नाम बाग़ का

जो क़िस्सा-गो ने सुनाया वही सुना गया है

इतना तिलिस्म याद के चक़माक़ में रहा

इस्तादा है जब सामने दीवार कहूँ क्या

गलियों में भटकना रह-ए-आलाम में रहना

दर खोल के देखूँ ज़रा इदराक से बाहर

चल रहा हूँ पेश-ओ-पस-मंज़र से उकताया हुआ

एजाज़ गुल Hope Poetry in Hindi - Read famous Hope Shayari, Romantic Ghazals & Sad Poetry written by एजाज़ गुल. Largest collection of Hope Poems, Sad Ghazals including Two Line Sher and SMS by एजाज़ गुल. Share the एजाज़ गुल Hope Potery, Romantic Hindi Ghazals and Sufi Shayari with your friends on whats app, facebook and twitter.