दिनों महीनों आँखें रोईं नई रुतों की ख़्वाहिश में
दिनों महीनों आँखें रोईं नई रुतों की ख़्वाहिश में
रुत बदली तो सूखे पत्ते दहलीज़ों में दर आए
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दिनों महीनों आँखें रोईं नई रुतों की ख़्वाहिश में
रुत बदली तो सूखे पत्ते दहलीज़ों में दर आए
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