Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_cefeaa7222765c75107eabdeaf5b8029, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
दुश्मनों के दरमियान सुल्ह - एजाज़ गुल कविता - Darsaal

दुश्मनों के दरमियान सुल्ह

बर्ग-ए-आवारा-सदा आए हैं

कोई आवाज़ा-ए-पा लाए हैं

तेरे पैग़म-रसाँ हैं शायद

और पैमान-ए-वफ़ा लाए हैं

गुफ़्तुगू नर्म है लहजा धीमा

अब के अंदाज़ जुदा लाए हैं

इक नदामत भी है पछतावा भी

ख़िफ़्फ़त-ए-जुर्म-ओ-जफ़ा लाए हैं

आँख में अश्क पशेमानी के

होंट पर हर्फ़-ए-दुआ लाए हैं

सारे सामान रफ़ूगरी के

जेब ओ दामन में उठा लाए हैं

मरहम-ए-ज़ख़्म के अम्बार के साथ

पारा-ए-ख़ाक-ए-शिफ़ा लाए हैं

शाख़-ए-ज़ैतून भी अम्मामे भी हैं

और अबाएँ भी सिला लाए हैं

हज्र-ए-असवद ने छुआ है जिस को

एक ऐसी भी रिदा लाए हैं

कुछ मदीने की खुजूरों के तबक़

कासा-ए-सर पे सजा लाए हैं

एक मश्कीज़ा-ए-आब-ए-ज़मज़म

पुश्त-ए-नाज़ुक पे उठा लाए हैं

अगले पिछले सभी मक़्तूलों का

गोया कि ख़ून-बहा लाए हैं

(1031) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Dushmanon Ke Darmiyan Sulh In Hindi By Famous Poet Ejaz Gul. Dushmanon Ke Darmiyan Sulh is written by Ejaz Gul. Complete Poem Dushmanon Ke Darmiyan Sulh in Hindi by Ejaz Gul. Download free Dushmanon Ke Darmiyan Sulh Poem for Youth in PDF. Dushmanon Ke Darmiyan Sulh is a Poem on Inspiration for young students. Share Dushmanon Ke Darmiyan Sulh with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.