अहया

असा-ए-मूसा

अँधेरी रातों की एक तज्सीम मुंजमिद

जिस में हाल इक नुक़्ता-ए-सुकूनी

न कोई हरकत न कोई रफ़्तार

जब आसमानों से आग बरसी

तो बर्फ़ पिघली

धुआँ सा निकला

असा में हरकत हुई

तो महबूस नाग निकला

वो एक सय्याल लम्हा

जो मुंजमिद पड़ा था

बढ़ा

झपट कर

ख़िज़ाँ-रसीदा शजर की सब ख़ुश्क टहनियों को निगल गया

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Ahya In Hindi By Famous Poet Ejaz Farooqi. Ahya is written by Ejaz Farooqi. Complete Poem Ahya in Hindi by Ejaz Farooqi. Download free Ahya Poem for Youth in PDF. Ahya is a Poem on Inspiration for young students. Share Ahya with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.