यहाँ तो रोज़ नई आफ़तों से पाला है
'हुसैन' कितने अब आएँगे कर्बला के लिए
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आवागवन
पहचान
मेरी मौत के मसीहा!
रह-ए-हयात में लाखों थे हम-सफ़र 'एजाज़'
चाँद
चले थे घर से तो हम दर्द की दवा के लिए
नज़्मों के लिए दुआ-ए-ख़ैर
मुहाजिर
हुस्न की रीतें इश्क़ की रस्में छोटे बच्चे क्या जानें
सदाक़तों के पयम्बर गए रसूल गए
फ़ासलों की बात