Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_b411795be1f6025c1eb7b2894ba96390, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
फ़ासलों की बात - एजाज़ अहमद एजाज़ कविता - Darsaal

फ़ासलों की बात

तुम ने फ़ासलों की बात समझ ली तो तुम्हें याद आएगा

कि फ़ना हम सब की तक़दीर है

तुम्हें मालूम है? तुम्हारे

घर की सीढ़ियाँ चढ़ते हुए मैं ने हज़ार बार

चुप-चाप

ज़ीने की सफ़ेद दीवारों पे उँगलियाँ फेरी हैं

इस उम्मीद में कि शायद लम्स के

ऐसे ज़ाइक़े वहाँ रह जाएँ जो तुम हमेशा

बदन के गुंजलक और बे-लफ़्ज़

ज़ाइक़ों की तरह पहचान सको

और याद रखो

अब समझ में आने लगा है

कि कोई नज़्म कभी इश्क़ और दर्द की अस्ल ज़रूरियात

पूरी नहीं करती

कि इश्क़ मौत के ख़िलाफ़ हथियार नहीं

कि हमारे लफ़्ज़ हमारे मक़ासिद से ना-आश्ना हैं

कि मुझे चाहत उस शख़्स की है जो तुम हो

कि मैं मुकम्मल तौर पे तुम्हें

कभी न जान पाऊँगा

और तुम ने ये तमाम मुद्दत

ख़ुद अपने मफ़्हूम की तलाश में सुलगते पिघलते

गुज़ारी है

(893) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Faslon Ki Baat In Hindi By Famous Poet Ejaaz Ahamd Ejaaz. Faslon Ki Baat is written by Ejaaz Ahamd Ejaaz. Complete Poem Faslon Ki Baat in Hindi by Ejaaz Ahamd Ejaaz. Download free Faslon Ki Baat Poem for Youth in PDF. Faslon Ki Baat is a Poem on Inspiration for young students. Share Faslon Ki Baat with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.