Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_ce4d2c72c769d0654845aa6eae1aeaaa, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
उन आँखों को नज़र क्या आ गया है - एहतिशाम हुसैन कविता - Darsaal

उन आँखों को नज़र क्या आ गया है

उन आँखों को नज़र क्या आ गया है

मिज़ाज-ए-आरज़ू बदला हुआ है

न जाने हार है या जीत क्या है

ग़मों पर मुस्कुराना आ गया है

मिरी हालत पे उन का मुस्कुराना

जवाब-ए-ना-मुरादी आ गया है

नहीं इक मैं ही नाकाम-ए-मोहब्बत

यही पहले भी अक्सर हो चुका है

सबा की रौ न ग़ुंचों का तबस्सुम

चमन वालो कहो क्या हो गया है

शब-ए-ग़म सहमी सहमी याद उन की

अंधेरे में दिया सा जल रहा है

नहीं मिलता सुराग़-ए-मंज़िल-ए-शौक़

मोहब्बत से भी जी घबरा गया है

(1039) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Un Aankhon Ko Nazar Kya Aa Gaya Hai In Hindi By Famous Poet Ehtisham Husain. Un Aankhon Ko Nazar Kya Aa Gaya Hai is written by Ehtisham Husain. Complete Poem Un Aankhon Ko Nazar Kya Aa Gaya Hai in Hindi by Ehtisham Husain. Download free Un Aankhon Ko Nazar Kya Aa Gaya Hai Poem for Youth in PDF. Un Aankhon Ko Nazar Kya Aa Gaya Hai is a Poem on Inspiration for young students. Share Un Aankhon Ko Nazar Kya Aa Gaya Hai with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.