मैं सुन नहीं सकता
ज़िंदगी
बस की क़तार के इश्क़ की तरह
सत्ही सही लेकिन
बे-कैफ़ नहीं
ज़िंदगी दिलकश है
शहर के हंगामों की तरह
मैं हंगामों का
दिल-दादा हूँ
ख़मोशी से नफ़रत है मुझे
कि मैं ख़ामोशी में
बीते कल की टिक-टिक
घड़ी की तरह
सुन नहीं सकता
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