याद तेरी जो कभी आती है बहलाने को

याद तेरी जो कभी आती है बहलाने को

और दीवाना बना जाती है दीवाने को

हम बताएँगे तुम्हें शाना-ओ-गेसू के रुमूज़

ख़त्म कर लो हरम-ओ-दैर के अफ़्साने को

उस को महफ़िल में जो देखा तपिश-ए-ग़म का शरीक

ले लिया शम्अ' ने आग़ोश में परवाने को

बादा-कश वाइ'ज़-ए-कज-फ़हम से क्या बहस करें

उस ने देखा है बहुत दूर से मयख़ाने को

जब न एहसान रहेगा न कहानी उस की

आप दोहराएँगे 'एहसान' के अफ़्साने को

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Yaad Teri Jo Kabhi Aati Hai Bahlane Ko In Hindi By Famous Poet Ehsan Darbhangavi. Yaad Teri Jo Kabhi Aati Hai Bahlane Ko is written by Ehsan Darbhangavi. Complete Poem Yaad Teri Jo Kabhi Aati Hai Bahlane Ko in Hindi by Ehsan Darbhangavi. Download free Yaad Teri Jo Kabhi Aati Hai Bahlane Ko Poem for Youth in PDF. Yaad Teri Jo Kabhi Aati Hai Bahlane Ko is a Poem on Inspiration for young students. Share Yaad Teri Jo Kabhi Aati Hai Bahlane Ko with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.