और कुछ देर सितारो ठहरो
उस का व'अदा है ज़रूर आएगा
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इश्क़ की दुनिया में इक हंगामा बरपा कर दिया
कुछ लोग जो सवार हैं काग़ज़ की नाव पर
न सियो होंट न ख़्वाबों में सदा दो हम को
जीने के लिए जो मर रहे हैं
ये उजालों के जज़ीरे ये सराबों के दयार
सुनता हूँ सुरंगों थे फ़रिश्ते मिरे हुज़ूर
दिल की रग़बत है जब आप ही की तरफ़
जब किसी की याद आ कर तिलमिला जाता है दिल
रो रहा था गोद में अम्माँ की इक तिफ़्ल-ए-हसीं
नज़र फ़रेब-ए-क़ज़ा खा गई तो क्या होगा
बला से कुछ हो हम 'एहसान' अपनी ख़ू न छोड़ेंगे
कुछ अपने साज़-ए-नफ़स की न क़द्र की तू ने