मेरी मिट्टी में जब न था पत्थर

मेरी मिट्टी में जब न था पत्थर

कैसे कह दूँ कि है ख़ुदा पत्थर

शो'ला-ए-इश्क़ का असर तौबा

मोम जैसा पिघल गया पत्थर

जब भी बज़्म-ए-ख़िरद में आया मैं

अक़्ल पर मेरी पड़ गया पत्थर

गुल बिछाऊँ मैं तेरे क़दमों में

मेरी राहों में तू बिछा पत्थर

राह-ए-हक़ में यक़ीन था हम पर

सिर्फ़ बरसेंगे ईंट या पत्थर

लद गया जब शजर फलों से कोई

उस पे सब ने उठा दिया पत्थर

लोग तोड़ेंगे बार बार उसे

शीशा-ए-दिल को तू बना पत्थर

नर्म रस्सी से घिस न जाए जो

मुझ को ऐसा नहीं मिला पत्थर

दोस्तों के हदफ़ पे है 'आज़म'

अब वो बरसाएँ फूल या पत्थर

(1003) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Meri MiTTi Mein Jab Na Tha Patthar In Hindi By Famous Poet Dr. Azam. Meri MiTTi Mein Jab Na Tha Patthar is written by Dr. Azam. Complete Poem Meri MiTTi Mein Jab Na Tha Patthar in Hindi by Dr. Azam. Download free Meri MiTTi Mein Jab Na Tha Patthar Poem for Youth in PDF. Meri MiTTi Mein Jab Na Tha Patthar is a Poem on Inspiration for young students. Share Meri MiTTi Mein Jab Na Tha Patthar with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.