जो हल्दी से मोहब्बत है तो यारो
किसी चूहे को पंसारी न करना
Habib Jalib
Javed Akhtar
Faiz Ahmad Faiz
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Jaun Eliya
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Wasi Shah
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स्टेज पर पड़ा था जो पर्दा वो उठ चुका
मैं ने कहा कि शहर के हक़ में दुआ करो
क्रिकेट और मुशाइरा
मर्दुम-गज़ीदा इंसान का इलाज
साबिक़ वज़ीर
लंदन में जश्न-ए-ग़ालिब
मौसीक़ी से इलाज
शोर से बच्चों के घबराते हैं घर पर और हम
इलिएट्स-गर्ल्स-कॉलेज और कुल पाक ओ हिन्द मुशाएरा
लग गए हैं फ़ोन लगने में जो पच्चीस साल
हुस्न पर ए'तिबार हद कर दी
अल्लामा-'इक़बाल' को शिकवा