जाँ देने को पहुँचे थे सभी तेरी गली में
भागे तो किसी ने भी पलट कर नहीं देखा
Rahat Indori
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लैला मजनूँ की शादी
पटाख़ा
शाइ'र से शेर सुनिए तो मिस्रा उठाइए
ज़हर बीमार को मुर्दे को दवा दी जाए
वस्ल की रात जो महबूब कहे गुड नाईट
मैं ने कहा कि शहर के हक़ में दुआ करो
चोर-साहिब से दरख़्वास्त
या रब मिरे नसीब में अक्ल-ए-हलाल हो
मर्दुम-गज़ीदा इंसान का इलाज
क्रिकेट और मुशाइरा
अजब अख़बार लिक्खा जा रहा है
लंदन में जश्न-ए-ग़ालिब