Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_a538f1181ea62dab64796b3fbc9c7682, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
तरही ग़ज़ल - दिलावर फ़िगार कविता - Darsaal

तरही ग़ज़ल

मुशाइरे के लिए क़ैद तरह की क्या है

ये इक तरह की मशक़्क़त है शायरी क्या है

जो चाहते हैं कि मैं तरह में ग़ज़ल लिक्खूँ

उन्हें ख़बर ही नहीं मेरी पॉलिसी क्या है

ग़ज़ल जो तरह में लिक्खी है किस तरह लिक्खी

ये पूछने की किसी को अथॉरिटी क्या है

ग़ज़ल की शक्ल बदल दी है ऑपरेशन से

सुख़न-वरी है अगर ये तो सर्जरी क्या है

मैं जब ग़ज़ल में गुलिस्ताँ का ज़िक्र करता हूँ

वो पूछते हैं गुलिस्ताँ की फ़ारसी क्या है

ग़ज़ल के बदले अगर कुछ मुआवज़ा मिल जाए

मैं सोचता हूँ तो फिर शायरी बुरी क्या है

मिरी ग़ज़ल में तख़ल्लुस किसी का फ़िट कर दो

तख़ल्लुसों की भी इस शहर में कमी क्या है

(2316) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Tarhi Ghazal In Hindi By Famous Poet Dilawar Figar. Tarhi Ghazal is written by Dilawar Figar. Complete Poem Tarhi Ghazal in Hindi by Dilawar Figar. Download free Tarhi Ghazal Poem for Youth in PDF. Tarhi Ghazal is a Poem on Inspiration for young students. Share Tarhi Ghazal with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.