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इश्क़ का परचा - दिलावर फ़िगार कविता - Darsaal

इश्क़ का परचा

महव-ए-हैरत हूँ कि वो सेंटर था कितना बा-कमाल

इश्क़ के बारे में पूछा जिस ने पर्चे में सवाल

ऐसे ही सेंटर अगर दो चार पैदा हो गए

देखना इस मुल्क में फ़नकार पैदा हो गए

आम होगी आशिक़ी कॉलेज के अर्ज़-ओ-तूल में

लैला ओ मजनूँ नज़र आएँगे अब स्कूल में

इश्क़ के आदाब लड़कों को सिखाए जाएँगे

ग़ैर-आशिक़ जो हैं वो आशिक़ बनाए जाएँगे

आशिक़ों को इल्म में परफ़ेक्ट समझा जाएगा

इश्क़ इक कंपल्सरी सब्जेक्ट समझा जाएगा

इम्तिहाँ होगा तो पूछे जाएँगे ऐसे सवाल

अपनी महबूबा के बारे में कुछ इज़हार-ए-ख़याल

इश्क़ इक साइंस है या आर्ट समझा कर लिखो

या ये दोनों इश्क़ का हैं पार्ट समझा कर लिखो

आज अपने मुल्क में आशिक़ हैं कितने फ़ीसदी

मुंतही इन में हैं कितने और कितने मुब्तदी

क्या तअल्लुक़ तिब्ब-ए-यूनानी को है रूमान से

कम्पयर फ़रहाद ओ मजनूँ को करो लुक़्मान से

इश्क़ कितने क़िस्म का होता है लिखो बा-वसूक़

फ़ी ज़माना क्या हैं आशिक़ के फ़राएज़ और हुक़ूक़

एक तहक़ीक़ी मक़ाला लिख के समझाओ ये बात

शाख़-ए-आहू पर ही क्यूँ रहती है आशिक़ की बरात

कुछ मिसालें दे के समझाओ ये क़ौल-ए-मुस्तनद

इश्क़ अव्वल दर-दिल-ए-माशूक़ पैदा मी शवद

सर को क्या निस्बत है संग-ए-आस्तान-ए-यार से

तुम ने सर फोड़ा कभी माशूक़ की दीवार से

क्या सकूँ मिलता है दिल को आह-ए-शोला-बार से

गर्म नाले अर्श पर जाते हैं किस रफ़्तार से

अपने अंदाज़े से तूल-ए-शाम-ए-तन्हाई बताओ

सिर्फ़ तख़मीनन शब-ए-हिज्राँ की लम्बाई बताओ

इंडिया का एक नक़्शा अपनी कापी पर बनाओ

और फिर उस में हुदूद-ए-कूचा-ए-जानाँ दिखाओ

वस्ल की दरख़्वास्त पर किस की सिफ़ारिश चाहिए

इश्क़ के पौदे को कितने इंच बारिश चाहिए

अपनी महबूबा को इक दरख़्वास्त इंग्लिश में लिखो

उस से ये पूछो जवाब-ए-आरज़ू यस है कि नो

कौन से आले से देखें हुस्न-ए-जानाना लिखो

हुस्न की मिक़दार जो नापे वो पैमाना लिखो

मदर-ए-लैला ने तो लैला न ब्याही क़ैस को

तुम अगर लैला की माँ होते तो क्या करते लिखो

एक आशिक़ तीन दिन में चलता है उन्नीस मील

तीन आशिक़ कितने दिन में जाएँगे अड़तीस मील

आप कर सकते हैं इन में से कोई बारा सवाल

बद-ख़ती के पाँच नंबर हैं रहे ये भी ख़याल

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