Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_dc4ec040a48b5ad0ead0da5af1d12256, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
क्या कहिए दास्तान-ए-तमन्ना बदल गई - दिल शाहजहाँपुरी कविता - Darsaal

क्या कहिए दास्तान-ए-तमन्ना बदल गई

क्या कहिए दास्तान-ए-तमन्ना बदल गई

उन की बदलते ही दुनिया बदल गई

ये दौर-ए-इंक़िलाब है ख़ुद-नोशियों का दौर

हर मय-कदे में गर्दिश-ए-मीना बदल गई

हर फूल हर कली पे बरसता है अब लहू

रंगीनी-ए-बहार-ए-चमन क्या बदल गई

निखरी हुई बहार में छाले हैं ख़ूँ-चकाँ

अपने क़दम से क़िस्मत-ए-सहरा बदल गई

पैहम टपक पड़े जो ब-हसरत हुज़ूर-ए-दोस्त

इन आँसुओं से शरह-ए-तमन्ना बदल गई

आज़ादी-ए-जुनूँ का यही क्या मआल था

ज़िंदाँ से दिल-फ़रेबी-ए-सहरा बदल गई

वो ख़्वाब-ए-ज़िंदगी था जो हम देखते रहे

ऐ 'दिल' खुली जब आँख तो दुनिया बदल गई

(1249) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Kya Kahiye Dastan-e-tamanna Badal Gai In Hindi By Famous Poet Dil Shahjahanpuri. Kya Kahiye Dastan-e-tamanna Badal Gai is written by Dil Shahjahanpuri. Complete Poem Kya Kahiye Dastan-e-tamanna Badal Gai in Hindi by Dil Shahjahanpuri. Download free Kya Kahiye Dastan-e-tamanna Badal Gai Poem for Youth in PDF. Kya Kahiye Dastan-e-tamanna Badal Gai is a Poem on Inspiration for young students. Share Kya Kahiye Dastan-e-tamanna Badal Gai with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.