दिल शाहजहाँपुरी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का दिल शाहजहाँपुरी
नाम | दिल शाहजहाँपुरी |
---|---|
अंग्रेज़ी नाम | Dil Shahjahanpuri |
ये भीगी रात ये ठंडा समाँ ये कैफ़-ए-बहार
वक़्त-ए-रुख़्सत तसल्लियाँ दे कर
शबाब ढलते ही आई पीरी मआ'ल पर अब नज़र हुई है
मैं ग़र्क़ हो रहा था कि तूफ़ान-ए-इश्क़ ने
मय-ए-कौसर का असर चश्म-ए-सियह-फ़ाम में है
क्या जाने किस ख़याल से छोड़ा प हाल-ए-ज़ार
हुस्न-ए-ख़ुद-बीं को हुआ और सिवा नाज़-ए-हिजाब
हम को बेचैन किए जाते हैं
असर-ए-इश्क़ से हूँ सूरत-ए-शम्अ ख़ामोश
आरज़ू लुत्फ़ तलब इश्क़ सरासर नाकाम
आग़ाज़-ए-मोहब्बत से अंजाम-ए-मोहब्बत तक
तमकीं है और हुस्न-ए-गरेबाँ है और हम
फिर ए'तिबार-ए-इश्क़ के क़ाबिल नहीं रहा
मायूस-ए-अज़ल हूँ ये माना नाकाम-ए-तमन्ना रहना है
मय-ए-कौसर का असर चश्म-ए-सियह-फ़ाम में है
क्या कहिए दास्तान-ए-तमन्ना बदल गई
कूचा-गर्दी में जवानी जाएगी
कूचा-गर्दी में जवानी जाएगी
ऐ इश्क़ तू ने वाक़िफ़-ए-मंज़िल बना दिया