Ghazals of Daud Aurangabadi
नाम | दाऊद औरंगाबादी |
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अंग्रेज़ी नाम | Daud Aurangabadi |
उस शकर-लब का मैं ख़याली हूँ
तेरी अँखियाँ के तसव्वुर में सदा मस्ताना हूँ
सीना साफ़ी सूँ मिस्ल-ए-दर्पन कर
निगाह-ए-यार सूँ हासिल है मुझ कूँ मय-नोशी
मुझ साथ सैर-ए-बाग़ कूँ ऐ नौ-बहार चल
मिरा अहवाल चश्म-ए-यार सूँ पूछ
मस्त हूँ मस्त हूँ ख़राब ख़राब
ले दाम-ए-निगाह-ए-यार आया
ख़िर्क़ा-पोशी में ख़ुद-नुमाई है
जग है मुश्ताक़ पिव के दर्शन का
जब वो मह-ए-रुख़्सार यकायक नज़र आया
जब परी-रू हिजाब करते हैं
जब मिला यार तू अग़्यार सेती क्या मतलब
इश्क़ ने तुझ ख़ाल के मुझ कूँ ख़याली किया
हुस्न इस शम्अ-रू का है गुल-रंग
गुलशन-ए-जग में ज़रा रंग-ए-मोहब्बत नीं है
फ़रियाद सदा-ए-नफ़स आवाज़-ए-जरस है
दिलबर कूँ इताब ख़ूब है ख़ूब
दिल में ख़याल-ए-यार है जासूस की नमत
दिल कूँ दिलदार के नियाज़ करे
देख लटका सजन तेरी लट का
दर्पन दिया हूँ दिल का मैं उस दिलरुबा के हाथ
अगर वो गुल-बदन मुझ पास हो जावे तो क्या होवे
आतिश-ए-इश्क़ सूँ जो जलता है
आज बदली है हवा साक़ी पिला जाम-ए-शराब