Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_07087f9ca49cf266b38256c2d2a15b90, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
लुत्फ़ हो हश्र में कुछ बात बनाए न बने - दत्तात्रिया कैफ़ी कविता - Darsaal

लुत्फ़ हो हश्र में कुछ बात बनाए न बने

लुत्फ़ हो हश्र में कुछ बात बनाए न बने

आँख भी शोख़ सितम-गर से चुराए न बने

मुझ को उठवा तो दिया उस ने भरी महफ़िल से

कौन था ये कोई पूछे तो बताए न बने

बात सारी ये है वो ज़िद पे अड़े बैठे हैं

याद की भूल हो तो लाख जताए न बने

तुम से अब क्या कहें वो चीज़ है दाग़-ए-ग़म-ए-इश्क़

कि छुपाए न छुपे और दिखाए न बने

सीधी बातों पे है मतलूब सनद और सुबूत

हैं वो कज-बहस ज़बाँ उन से मिलाए न बने

फ़तह का राज़ है साबित-क़दमी और हिम्मत

काम भी है कोई ऐसा कि बनाए न बने

बात वो कह गए आए भी तो किस तरह यक़ीं

और सेहर इस में कुछ ऐसा है भुलाए न बने

बे-कसी की है मुसीबत में शिकायत बे-सूद

कब पड़ा वक़्त कि अपने भी पराए न बने

ग़म जो प्यारे से मिले क्यूँ न हो वो भी प्यारा

भूलना भी उसे चाहें तो भुलाए न बने

है नज़र में वो समाँ नक़्श है जिस का दिल पर

दर्द वो नाम है लब तक जिसे लाए न बने

बे-ख़ुदी का है जहाँ बे-असर नाज़ ओ नियाज़

सरकशी भी न चले सर भी झुकाए न बने

आह-ए-सर्द और भी भड़काती है शोला दिल में

ये दिया वो है जो फूँकों से बुझाए न बने

सर्द आज़ाद है दिल रश्क ओ नुमाइश है अबस

ख़ार खाए न बने गुल भी खिलाए न बने

ऐन यक-रंगी है नैरंग-ए-तमाशा हर चंद

ये वो उर्यानी का पर्दा है उठाए न बने

बे-ख़ुदी में भी तो 'कैफ़ी' की ये ख़ुद्दारी है

हाल-ए-दिल पूछ भी लें वो तो सुनाए न बने

(1039) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Lutf Ho Hashr Mein Kuchh Baat Banae Na Bane In Hindi By Famous Poet Dattatriya Kaifi. Lutf Ho Hashr Mein Kuchh Baat Banae Na Bane is written by Dattatriya Kaifi. Complete Poem Lutf Ho Hashr Mein Kuchh Baat Banae Na Bane in Hindi by Dattatriya Kaifi. Download free Lutf Ho Hashr Mein Kuchh Baat Banae Na Bane Poem for Youth in PDF. Lutf Ho Hashr Mein Kuchh Baat Banae Na Bane is a Poem on Inspiration for young students. Share Lutf Ho Hashr Mein Kuchh Baat Banae Na Bane with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.