Ghazals of Dattatriya Kaifi
नाम | दत्तात्रिया कैफ़ी |
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अंग्रेज़ी नाम | Dattatriya Kaifi |
जन्म की तारीख | 1866 |
मौत की तिथि | 1955 |
जन्म स्थान | Delhi |
ज़िंदगी का किस लिए मातम रहे
या इलाही मुझ को ये क्या हो गया
सूरत-ए-हाल अब तो वो नक़्श-ए-ख़याली हो गया
राहत कहाँ नसीब थी जो अब कहीं नहीं
क़िस्मत बुरे किसी के न इस तरह लाए दिन
पर्दा-दार हस्ती थी ज़ात के समुंदर में
लुत्फ़ हो हश्र में कुछ बात बनाए न बने
कोई दिल-लगी दिल लगाना नहीं है
इश्क़ ही इश्क़ हो आशिक़ हो न माशूक़ जहाँ
हुस्न-ए-अज़ल का जल्वा हमारी नज़र में है
फ़िदा अल्लाह की ख़िल्क़त पे जिस का जिस्म ओ जाँ होगा
इक ख़्वाब का ख़याल है दुनिया कहें जिसे
ढूँढने से यूँ तो इस दुनिया में क्या मिलता नहीं