तिरे बग़ैर

दर्द गर बेहद हुआ तो हौसले बढ़ जाएँगे

तुम ज़ख़्म कुरेदोगे हम और निखर जाएँगे

तेरी रंजिशों ने साँस दी बेचैनियों ने नींद

हमें ख़ुश-नुमा माहौल और सुकून काट खाएँगे

ख़ुद को गले लगा कर रोना भी है हसीन

अपने आप से लड़ेंगे ख़ुद की गोद में सो जाएँगे

ये ना समझना के ये रफ़्तार है तुम से

तेरे साथ के बग़ैर भी हम दूर तलक जाएँगे

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Tere Baghair In Hindi By Famous Poet Darshika Wasani. Tere Baghair is written by Darshika Wasani. Complete Poem Tere Baghair in Hindi by Darshika Wasani. Download free Tere Baghair Poem for Youth in PDF. Tere Baghair is a Poem on Inspiration for young students. Share Tere Baghair with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.