Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_ab4a06bf0c74abe8941b582e76f96255, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
चारागर - दर्शन सिंह कविता - Darsaal

चारागर

रह-ए-इश्क़ की इंतिहा चाहता हूँ

जुनूँ सा कोई रहनुमा चाहता हूँ

जो इरफ़ान की ज़िंदगी को बढ़ा दे

मैं वो बादा-ए-जाँ-फ़ज़ा चाहता हूँ

मिटा कर मुझे आई मैं जज़्ब कर ले

बक़ा के लिए मैं फ़ना चाहता हूँ

बयाँ हाल-ए-दिल मैं करूँ क्यूँ ज़बाँ से

कोई जानता है मैं क्या चाहता हूँ

मुझे क्या ज़रूरत है क्या तुम से माँगूँ

मगर मैं तुम्हारा भला चाहता हूँ

मिरे चारागर मैं हूँ बीमार तेरा

तिरे हाथ ही शिफ़ा चाहता हूँ

(1540) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Chaaragar In Hindi By Famous Poet Darshan Singh. Chaaragar is written by Darshan Singh. Complete Poem Chaaragar in Hindi by Darshan Singh. Download free Chaaragar Poem for Youth in PDF. Chaaragar is a Poem on Inspiration for young students. Share Chaaragar with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.