मुश्किल ही से फिर दिल से निकल पाती है
मुश्किल ही से फिर दिल से निकल पाती है
जब रूह में इक चीज़ उतर जाती है
मैं जिस को ख़यालों से मिटा देता हूँ
ख़्वाबों में वो तस्वीर उभर आती है
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मुश्किल ही से फिर दिल से निकल पाती है
जब रूह में इक चीज़ उतर जाती है
मैं जिस को ख़यालों से मिटा देता हूँ
ख़्वाबों में वो तस्वीर उभर आती है
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