Love Poetry of Daniyal Tareer
नाम | दानियाल तरीर |
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अंग्रेज़ी नाम | Daniyal Tareer |
जन्म की तारीख | 1980 |
जन्म स्थान | Quetta |
दरिंदे साथ रहना चाहते हैं आदमी के
तमन्ना का दूसरा क़दम
संग-ए-बुनियाद
मैं नफ़ी में
एक सब आग एक सब पानी
शहर से क्या गई जानिब-ए-दश्त-ए-ज़र ज़िंदगी फ़ाख़्ता
साकित हो मगर सब को रवानी नज़र आए
पानी के शीशों में रक्खी जाती है
नई नई सूरतें बदन पर उजालता हूँ
मिट्टी था और दूध में गूँधा गया मुझे
ख़्वाब-कारी वही कमख़्वाब वही है कि नहीं
ख़्वाब जज़ीरा बन सकते थे नहीं बने
जरस और सारबानों तक पहुँचना चाहता है
गया कि सैल-ए-रवाँ का बहाव ऐसा था
चाँद छूने की तलबगार नहीं हो सकती
आग में जलते हुए देखा गया है