Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_453cd113c2b82a9cb689b08e770169a1, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
रेत मुट्ठी में भरी पानी से आग़ाज़ किया - दानियाल तरीर कविता - Darsaal

रेत मुट्ठी में भरी पानी से आग़ाज़ किया

रेत मुट्ठी में भरी पानी से आग़ाज़ किया

सख़्त मुश्किल में था आसानी से आग़ाज़ किया

मुझ को मिट्टी से बदन बनते हुए उम्र लगी

मेरी ता'मीर ने वीरानी से आग़ाज़ किया

ये जहानों का ज़मानों का मकानों का सफ़र

ग़ैब ने लफ़्ज़ से या मा'नी से आग़ाज़ किया

जब भी ये आँख अनासिर की तरफ़ देखती है

याद आता है परेशानी से आग़ाज़ किया

जिस्म और इस्म मुझे कैसे मिले किस ने दिए

इन सवालात की हैरानी से आग़ाज़ किया

एक ख़ामोश समुंदर था मिरे चार तरफ़

जिस में आवाज़ ने तुग़्यानी से आग़ाज़ किया

मुझ को बद-सूरती-ए-जिस्म का अंदाज़ा है

मैं ने आईना-ए-उर्यानी से आग़ाज़ किया

(1049) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Ret MuTThi Mein Bhari Pani Se Aaghaz Kiya In Hindi By Famous Poet Daniyal Tareer. Ret MuTThi Mein Bhari Pani Se Aaghaz Kiya is written by Daniyal Tareer. Complete Poem Ret MuTThi Mein Bhari Pani Se Aaghaz Kiya in Hindi by Daniyal Tareer. Download free Ret MuTThi Mein Bhari Pani Se Aaghaz Kiya Poem for Youth in PDF. Ret MuTThi Mein Bhari Pani Se Aaghaz Kiya is a Poem on Inspiration for young students. Share Ret MuTThi Mein Bhari Pani Se Aaghaz Kiya with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.