दानिश फ़राही कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का दानिश फ़राही
नाम | दानिश फ़राही |
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अंग्रेज़ी नाम | Danish Farahi |
सितम के बा'द भी बाक़ी करम की आस तो है
शीशे से ज़ियादा नाज़ुक था ये शीशा-ए-दिल जो टूट गया
न वो ताएरों का जमघट न वो शाख़-ए-आशियाना
न सोचें अहल-ए-ख़िरद मुझ को आज़माने को
कुछ अपने दौर की भी कहानी लिखा करो
किस क़दर इज़्तिराब है यारो
हश्र इक गुज़रा है वीराने पे घर होने तक
दुआ हमारी कभी बा-असर नहीं होती
दिल था बे-कैफ़ मोहब्बत की ख़ता से पहले