दानिश अलीगढ़ी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का दानिश अलीगढ़ी
नाम | दानिश अलीगढ़ी |
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अंग्रेज़ी नाम | Danish Aligarhi |
जन्म की तारीख | 1970 |
ज़र्रे ज़र्रे में महक प्यार की डाली जाए
तेरे फ़िराक़ ने की ज़िंदगी अता मुझ को
रूदाद-ए-शब-ए-ग़म यूँ डरता हूँ सुनाने से
मुस्कुरा कर उन का मिलना और बिछड़ना रूठ कर
हो के मजबूर ये बच्चों को सबक़ देना है
गर तरन्नुम पर ही 'दानिश' मुनहसिर है शाइरी
अपने दुश्मन को भी ख़ुद बढ़ के लगा लो सीने
आख़िरी वक़्त तलक साथ अंधेरों ने दिया
ज़िंदगी कर गई तूफ़ाँ के हवाले मुझ को
ज़र्रे ज़र्रे में महक प्यार की डाली जाए
वाइज़ तू अगर उन के कूचे से गुज़र जाए
क्या ख़बर थी मुन्हरिफ़ अहल-ए-जहाँ हो जाएँगे
अगर मैं उन की निगाहों से गिर गया होता